10/07/2008

सचमुच सचमुच !


भोर के धुँधलाये कुहासे में आशायें उमगती हैं .. उँगलियाँ अकुलाती हैं , पत्तों सी काँपती सिहरती खिलती हैं । दिन मुँह बाये खड़ा हँसता है .. आओ संग संग खेलें , खिलता है खेल किसी सुलगते फूल सा , धधकता है दिन , सर के ऊपर दहकता है कुछ होने को बेचैन ..कहाँ थिरता है मन , रस गँध में क्यों डूबता है मन ?

गुनते गिनते बीतता है , बीत चुके तूफान सा चक्रवात के बीच सा , छूटता है ..छूटता है कोई , मिलता है कोई किसी बेहतरीन संगीत सा ..
सुबह की न्यारी संगतों के बीच सचमुच सचमुच !

(ऐंड्र्रू वाईएथ की पेंटिंग )

15 comments:

कथाकार said...

आपकी रचनाएं हमेशा किसी अनाम मंजिल की तरफ अकेली, कई बार मौज भरी और कई बार तकलीफ भरी अनजानी यात्रा का सा अहसास कराती लगती हैं. हमेशा लगता है कि कोई मासूम बच्‍ची है जो मेले में खो गयी है और.. और .. और..‍ आगे मेरी सोच काम नहीं करती.

डॉ .अनुराग said...

पेंटिंग बेहद खूबसूरत है ...आपके लिखे पर कुछ कहना छोड़ दिया है....जानती है ना क्यों !

mehek said...

bahut sundar varnan

अजित वडनेरकर said...

सुबह की न्यारी संगत सी यह पोस्ट ....
विजयादशमी की बधाइयां...

Anil Pusadkar said...

लाजवाब ।

रजनी भार्गव said...

प्रत्यक्षा Andrew Wyeth मेरे भी मनपसंद पेन्टर में से हैं और उस पर तुम्हारी अनुभूति, क्या कहने।

roushan said...

बहुत सुंदर सचमुच

ravindra vyas said...

एक अजीब से मूड में आपकी यह पोस्ट आज फिर से अभी-अभी पढ़ी।
आशाएं, उम्मीद, हरापन। कभी कभी इसकी रगड़ भी लगती है और भीतर कहीं बहुत कुछ छिल जाता है। छिन जाता है। फिर उसकी जलन बनी रहती है...

BrijmohanShrivastava said...

शब्दों का चयन अति सुंदर -भावः भी अच्छे

Anonymous said...

ye shabd nirdhan hai abhivyakti ke. . .itna sundar jo kaha hai. .
saadhuwaad!1

सचिन श्रीवास्तव said...

कितना कितना उजाला, कितनी कितनी किरणें, कितना कितना तीखा है ये सुबह का शोर... खूबसूरत अपने से लफ्जों का समुच्यय.
दीपावली शुभ हो..

Anonymous said...

simply beautiful!

Anonymous said...

पन्द्रह दिन से ये पेंटिंग देखी जा रही है! :)

neera said...

आपको सुंदर शब्द चित्रों को पिछले एक साल से रंगीन होता देख रही हुईं और अक्सर हेराँ होती हूँ उनकी चमक पर! पहली बार आपको बताने का साहस किया है. कहाँ हैं आप इतने दिनों से?

RADHIKA said...

सुंदर पेंटिंग और बहुत सुंदर अभिवयक्ति