1/15/2009

ज़ायके का दिन

रेस्तरां में एक दिन ....









(चार पाँच महीने पहले खींची गई तस्वीरें )

8 comments:

अजित वडनेरकर said...

भई वाह...कई तस्वीरें बोलती हैं...रेस्तरां में यूं भी कहानी बुनी जा सकती है...

पारुल "पुखराज" said...

कैमरा - कैमरा--काम की तस्वीरें धुंधली कर ली --:)

neera said...

इन्हे देख भूख लग आई

आपके शब्दों की :-)

डॉ .अनुराग said...

हम तो धुंधलके में कुछ ढूंढ रहे थे......कौन सा है...साउथ एक्स का लगता है !

दिनेशराय द्विवेदी said...

तस्वीरें बहु अच्छी हैं, श्रीमती जी देर से खाने पर बुला रही हैं, अब जाना ही होगा। विदा!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

प्रत्यक्षा आपके जाल घर पर पधारे सभी पाठकोँ को मकर सँक्रात की बधाई
और तस्वीरेँ बेहद आकर्षक हैँ

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

शब्द चित्र खींचने में पारंगत प्रत्यक्षा अब चित्रों से खेल रही हैं? ये भी सुंदर...

Anonymous said...

तस्वीर सुन्दर लगा दी।