अमित ने मुझे टैग किया. पहले तो दो बार सोचा, लिखूँ न लिखूँ फिर खेल भावना से प्रेरित हो कर सोचा लिख ही डालूँ. अखिर शाश्वत मुद्दा है.....प्रेम का
तो खुदा को हाज़िर नाज़िर जान कर जो जाना, जो अनुभव किया वो पेशे खिदमत है.
पर शुरु करूँ उसके पहले हाज़िर है ये शेर
इक लफ्ज़े मोहब्बत का अदना ये फसाना है
सिमटे तो दिले आशिक फैले तो ज़माना है
तो जब तक आपलोग इरशाद कहें , हम बढाते हैं गाडी आगे, इश्क़ की...
तो सबसे पहले ,प्रेमी तो वही जिसमें जुनून हो, दीवानापन हो, पागलपन हो.
ज्यादा सोच विचार किया तो प्रेयसी कोई और ले उडेगा.
दूसरे , सिर्फ जुनून से काम नहीं चलेगा. प्यार में गहराई हो ठहराव हो, जीवन भर के साथ का जोश हो. ऐसा दिल भी क्या ,जो नन्हे पिल्ले की तरह जिसने पुचकारा, उसके पीछे हो लिया .
तीसरे , उसका साथ ऐसा हो जैसे खुद का साथ हो . अब भई कोई तो ऐसा हो जो आपके अंदर के बाथरूम सिंगर को निकाल कर बाहर कमरे में ले आये.
तो लोग जो आपका गाना सुनकर कानों में ठूँसने को रूई तलाश करने लगते हैं, ऐसे मौसम में कोई न सिर्फ आपका सुरीला गाना सुने बल्कि कभी कभार ( अब हर बार तारीफ कुछ ज्यादा नहीं हो जयेगी ? ) तारीफ भी कर दे,
ऐसे शख्स से आप कैसे न प्यार करें.
चौथे, कोई ऐसा हो , जिसे आप 'टेकेन फॉर ग्रांटेड ' ले सकें . उसके भरोसे आप किसी को कोई आश्वासन दे सकें. अब थोडी बहुत नाराज़गी , इस बात पर आलाउड है. रूठने मनाने का चटपटा सिलसिला भी तो चलते रहना चाहिये .
पाँचवा , हर शौक साँझे में करें , न भी जी चाहे तो भी. कहते हैं न बाँटने से प्यार बढता है .
छठा , उसे आपको हँसाने की कला आनी चाहिये. जो जोडा साथ हँसता है वह उमर भर हँसता है. तो ऐसे ही हँसते हँसाते उम्र कटे .
सातवाँ , प्यार में रोमाँस जरूर , जरूर जरूर, क्योंकि रोमाँस खाने में नमक जैसा है. न हो तो जीवन बेमज़ा हो जाये. अब रोमाँस कुछ भी हो सकता है, मसलन
मोमबत्ती की रौशनी में रात्रि भोज
बिना किसी खास अवसर के तोहफा..फूल से लेकर हीरे तक
किसी गज़ल या ठुमरी सुनते किसी खास मोड पर निगाहों का मिल जाना
किसी कॉमेडी पर एक जैसी बात पर हँसी आना
या फिर सडक पार करते समय हाथ थाम लेना, लंबी ड्राइव पर भी ये किया जा सकता है :-)
लिस्ट आगे बढाई जा सकती है.....स्कोप अनलिमिटेड
और आठवाँ , उसे आपकी राय को महत्त्व देना चाहिये . आपकी बातें ध्यान से सुने. न सुने तो भी चलेगा पर आपको अपनी बढिया एक्टिंग से विश्वास जरूर दिला दे.
और अब बारी है अगले शिकार की. मेरी लिस्ट
1) सारिका, नाज़ुक कवितायें लिखती हो, देखें इसपर क्या लिखती हो
2) अनूप भार्गव , आपको पकड लिया :-) अब एक लेख लिख ही डालें
3) फुरसतिया जी , इस विषय पर हास्य रस का खूब स्कोप है, तो हो जाय
4) मनोशी , कुंडली क्या बोलती ?
5) आशीष , अब तुमसे उपयुक्त पात्र और कौन, रिसर्च मसाला अच्छा है, काम आयेगा
6) लक्ष्मी गुप्त जी , कुछ लिख ही डालें
7) सुनील दीपक जी , खेल को आगे बढाया जाय ?
8) जीतू जी, आपके बिना हर लिस्ट अधूरी है :-)
9) ग्रेग , आपके विचार जानने की उत्सुकता है
तो खेल की अगली कडी के इतंज़ार में....