मेरी निगाह टिकी हुई थी धीरे धीरे बढते हुए अंको पर हर पच्चीस कदम पर एक कैलोरी और .
पसीने की एक छोटी धार र्गदन से होकर कँधों की पेशियों के रास्ते, रीढ की हड्डी पर रास्ता बनाती , बढना ही चाहती थी .
अभी र्सिफ दस मिनट हुए थे . साँस कुछ त़ेज चलने लगी थी . सामने आईने में ,अनवरत ,एक लय से बढता एक पैर , फिर दूसरा .
"स्वींग योर आर्म्स "
प्रशिक्षक की आवाज थी .
बोलने में उर्जा खर्च नहीं किया .उसी ऱफ्तार से से चलते चलते, हल्का सा सर हिलाया .
कुछेक मिनट वह वहीं खडा रहा . मेरी ऱफ्तार और लय को नापता तौलता . फिर लौट गया .
साँस अब मेरी त़ेज चल रही थी . पसीने की धार , नदी बन चुकी थी . रीढ से होती, चुनचुनाती, सिहराती, नीचे . बिना आस्तीन वाली टी र्शट बदन पर चिपक गई थी . बाँहें पसीने से नम . बाल बँधे पर भीगे चिडिया से सर पर चिपके . चेहरे पसीने में नहाया, तमतमाया हुआ .
कैलोरी काउन्टर 185 पर पहुँच गया था . समय ,लगभग साढे अठारह मिनट .ऱफ्तार 7 के आसपास .
कितनी देर और , मेरे मालिक !
आँखें अब सामने आईने से हट्कर कैलोरी काउन्टर पर चिपक गई थीं . दिमाग शून्य . अब और कुछ नहीं सूझ रहा था . अपने आप को सामने आदमकद आईने में देखना भी नहीं .
185 से 200
200 से 215
225, 250
सौ कदम और . अब ऱफ्तार क्म करनी पडेगी . पैर जवाब दे रहे हैं . वैसे भी मेरी स्टैमिना कम है .
नाजुक हूँ . शरीर से नहीं , मन से .
फिर भी कितनी मेहनत कर रही हूँ .
नही, जनाब ! मैं कोई फिटनेस फ्रीक नहीं हूँ . पर क्या करें एक आईसक्रीम के लिये इतना कुछ तो करना ही पडता है . मानते हैं न आप भी ....................................................................................................................................................................
( ये लेख "शब्दाँजलि में छप चुका है)