"To take a photograph is to align the head, the eye and the heart. It's a way of life."
वो सपने में हमेशा मुस्कुराते दिखते हैं । तस्वीरों में नहीं ।
अच्छी तस्वीर लेना उम्दा ज़िंदगी जीने जैसा है दिल दिमाग और आँख सब एक सुर में..। वो सपने में ऐसे ही दिखते हैं । हँसते हुये भी नहीं , उदास भी नहीं और थोड़ा गहरे सोचने पर , शायद मुस्कुराते हुये भी नहीं ..
कुछ कुछ ऐसे जिनकी जड़ें ज़मीन में गहरी गईं हो और टहनियाँ आसमान तक । कुछ खुरदुरे रूखे , सख्त दरख्त , फिर भी कहीं सेमल से हल्के जो उनको जाने कहाँ कहाँ उठा देता है , किस आसमान तक । उनकी ली हुई तस्वीरों को देखती हूँ। कुछ उजाले और अँधकार के खेल हैं , आँखों में किसी नम उदासी को पकड़ लेने के पल हैं , वीरानी है , भयानक उदासी है , खुशी के क्षणों में भी चीरने वाली उदासी , रौशनी के आगे सिलुयेट ..छाया !
सपने में भी मद्धम सुर में संगीत बजता है । मार्था अर्गरीच शुबर्ट बजाती हैं । वो कहते हैं मुझे समझ नहीं शुबर्ट की । मैं हँसती हूँ , मुझे भी नहीं फिर बहुत उदास होती हूँ , बहुत । कितनी चीज़ें रह जायेंगी बिना समझ के ? इस एक ज़िंदगी में।
मैं ज़िद करती हूँ , मेरी एक भी तस्वीर क्यों नहीं ली ?
इसलिये कि तुम्हारे दिल और दिमाग के बीच गहरी खाई है ।
मैं कहती हूँ , ठीक , और सपने से बाहर निकल आती हूँ ।
वो सपने में हमेशा मुस्कुराते दिखते हैं । तस्वीरों में नहीं ।
मैं खुली नर्म घास पर चित्त लेटकर आसमान देखना चाहती हूँ । बड़ी चीज़ें छूट जायेंगी । छोटी चीज़ें पकड़ लेना चाहती हूँ । मैं तस्वीरों में भी मुस्कुराना चाहती हूँ । सचमुच भी , सचमुच भी । खुश होना इतनी बड़ी बात है क्या ?
(कार्तिये ब्रेसों की तस्वीर , उन्नीस सौ बत्तीस , मार्से )
17 comments:
well, let me take a step back and think..
As innocent and as touching.. and heart-wrenching as the black and white cartier bresson photograph is..
let me take a step forward and think....
it touches, lifts and makes you fall with a thud!!!
खुश होना सचमुच बहुत हद तक अपने ही हाथ है........
हम न एक्को कदम आगे रखेंगे न एक्को पीछे। जहां हैं वहीं से देख रहे हैं और बहुत खुश हैं। खुश होना बहुत आसान काम है।
तुम बहुत अच्छा लिखती हो ,कितनी चीजें रह जायेंगी बिना समझे के ,इस एक जिन्दगी मैं,...तुम्हारे शब्द जबर्दस्त होकर मन मैं एक अतिक्रमण के साथ आते हैं ,जिन्हें महसूस करना ही होता है दिल से भी दिमाग से भी ...शुभकामना,
good one...just want to add one more thing ..instead of running behind of some great achievement, instead of waiting for some good news, some big news to become happy ..if we start collecting small small events from our daily life ..there are lots of things which can make us happy..
accha likha hai aapne....
बहुत प्यारी सी प्रविष्टि .
धन्यवाद.
nice post. thanx.
हाँ इसलिए की शायद खुश रहने के लिए भी प्रयास करने पड़ते है ....शायद खुशी sustain नही रहती देर तक.... या खुशी को भी मीटर लगाकर मापने लगे है......तभी जो फोटोग्राफर बार बार कहता है".स्माइल "!
KHUSHI KI SAHI KIMAT KA PATA LAGANA ABHI BAKI HAI...WAISE KHUSIYAN BAHUT DER SE MILTI HAI WO BHI CHAND MINTO KE LIYE...JAISE...
खुश होना बड़ी बात नही पर आपके शब्द उसे और आसान कर देते हैं :-)
खुश होना वाकई अपने ही ऊपर है.
छोटी छोटी चीजें पकड़ लेना और बड़ी चीजों को यूँ ही जाने देना जरूरी होता है नही तो कितनी सारी चीजें हैं जो हम चाहते हैं और कर नही पाते एक उम्र वाकई कम - बहुत कम होती है.
और फ़िर मुस्कुरा के कह दें
हुई मुद्दत की गालिब मर गया पर याद आता है
वो हर एक बात पे कहना कि यूँ होता तो क्या होता
हां, सचमुच कुछ फोटोग्राफर होते हैं ऐसे। आपका लिखा भी एक मार्मिक तस्वीर बनाता है। निगाह के पीछे एक कवि की निगाह।
khushi ko apne liye paida kar lene ka madda hai aap ke shabdon me..ek kavita jaise black n white chitra ka nostalgia shabdon ki bunavat me bhi hai...behtareen jugalbandi
mujhe jaha tak yaad ata hai ye varsh Bresson ka shatabdi varsh bhi hai...is post ke bahane unko smaran bhi kiya
manishaji ne naya gyanoday me apake blog ka jikr ki hai. pahali bar yahan aaya hoon. bahut sundar post hai apaki.
वाह, बहुत ख़ूब, ख़ुशी का कारण या कारण की ख़ुशी हमें तय करना है
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चाँद, बादल और शाम
सुंदर और प्यार भरी पाती,
धन्यवाद
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