2/02/2006

एक चिडिया मेरे अंदर


एक चिडिया

फडफडाती है अंदर

बहुत अंदर

खासकर, तब

जब तुम होते हो

मेरे सामने

1 comment:

अनूप शुक्ल said...

कविता चिड़िया और फड़फड़ाहट तीनो बहुत खूबसूरत हैं।