8/03/2011

व्हेन यू ड्रीम अ ड्रीम

कहते हैं दिन का देखा सपना सच होता है । जब से सुना यही दिनमान रहा । इतना देखा और जो देखा उसका इन्दराज़ दर्ज करते रहे । नीले सपने पीले सपने , सुरीले सपने सुहाने सब । चुपके चुपके हँसते , खुद पर खुद से । पेड़ देखते , पंछी देखते , पर्वत पर बादल का टुकड़ा देखते । बाबू की मीठी हँसी देखते । अपनी उँगलियाँ फैला कर उसमें जाने सारा संसार देखते । लम्बी रातों में गीले से गीत का संगीत , मद्धम रौशनी के झिलमिल में किसका कहा , जाने कहाँ पढ़ा , क्या था ? सात तारों का अँधेरा ? पूछते तुमसे किसी अंतरंग घेरे की रौशनी में नहाये ,फुसफुसाता हूँ मैं  , व्हेन यू ड्रीम अ ड्रीम डज़ द ड्रीम ड्रीम यू ?



9 comments:

  1. आपकी प्रस्तुति ने मन मोह लिया, बहुत ही कर्णप्रिय।

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  2. ऐसे ही तो सपने होते हैं. सुन्दर आलेख और आर्मस्ट्रोंग की धुन

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  3. जबरन न खोल देना कभी आंख
    ख़्वाबों की रूह दुख जायेगी

    धुन भली लगी … :)

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  4. "लाइक" है जी..

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  5. सुन्दर प्रस्तुति।

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  6. Superb blog and really great article here.

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  7. Really nice.
    Louis's trumpet and voice has always been very soulfull.

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  8. Dooriyon say fark padhta nahi hai
    Baatain to dilon ki nazdikiyon say hoti hai
    Dost to kuch khaas aap jaisay hotay hain
    Warna mulaqat tu najaney kitnon say hoti hai

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  9. namaskaar. aapkei bhavo ki abhivyakti nei gadgad kar diya. Aabhaar.

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