10/04/2006

बूढी नानी

बचपन में माँ की नानी को देखा था । बडी कडक और गुस्सेवर महिला थीं । सफेद साडी, पूरे आस्तीन का ब्लाउज़ , यही उनका पहनावा था । हुक्का पीतीं और याद आता है कि उनके शरीर से अजीब सी मीठी खुशबू आती रहती । हम सब बच्चे उनसे खूब डरते । मिलना बहुत कभी कभार किसी शादी ब्याह पर ही होता । मेरी नानी उनसे एकदम विपरीत स्वभाव की थी , शाँत और सौम्य । । हम जब छोटे ही थे तभी उनकी मृत्यु हो गयी । बाद में जब कुछ बडे हुये तब माँ से उनकी कहानी सुनी । हमारे बडे नाना जमींदार थे और उसी जमींदारी का ठसका बूढी नानी के व्यवहार में दिखता था । बाद में उनकी एकमात्र संतान यानि मेरी नानी बहुत ही कम उम्र में विधवा हो गईं और बूढी नानी ने ही अपने बलबूते पर अपनी बेटी और उनकी पाँच बेटियों और दो बेटों का संसार सुचारु रूप से चलाया ।
उनकी एक श्याम श्वेत तस्वीर थी जिसे देखकर मैंने ये पेंसिल स्केच बनाया था ।

बूढी नानी

अब आज समझ में आता है कि अकेले , बिना किसी पुरुष के सहारे के , किस तरह उन्होंने जमींदारी सँभाली होगी , अपनी बेटी को सँभाला होगा ।कितना साहस , कितना जीवट रहा होगा उनमें । बाद में नाती नातिनों और उनके भरे पूरे परिवार को देखकर कितना संतोष मिलता होगा । इस स्केच से उनकी धुँधली सी याद अब भी तरोताज़ा हो जाती है ।और कहीं ये विशवास भी उपजता है कि कोई बीज उनके साहस का , लगन का , हिम्मत का हमें भी . और आने वाली पीढी में भी पनपे , पले बढे और मजबूत हो

8 comments:

  1. प्रत्‍यक्षा जी, आपके नानी की पोस्‍ट में मुझे अपनी दादी की याद दिला दी। नानी का स्‍केच शानदार है।

    पुनीत

    ReplyDelete
  2. आपकी नानी के विषय में जानकर बहुत अच्छा लगा.सभी कहीं न कहीं किसी तरह जुड़ा महसूस करेंगे.नानी जी का स्केच बहुत बढ़ियां बना है.

    ReplyDelete
  3. प्रत्‍यक्षा जी,
    आपकी नानी का स्‍केच शानदार लगा। लगता है काफि भावुक होकर आपने अपनी नानी का चेहरा उकेरा है।

    ReplyDelete
  4. Anonymous6:43 pm

    नानी का स्केच बहुत शानदार है। जहाँ तक उनके जीवट की बात है भगवान जब भी परेशानियाँ देता है तो उन से पार निकलने की हिम्मत भी इनसान में पैदा कर देता है।

    ReplyDelete
  5. Anonymous8:44 pm

    नानी के चेहेरे की अकृति ही नहीं, कड़क पन और गुस्सा भी आपकी पेंसिल ने खूब पकड़ा है।

    ReplyDelete
  6. आपका बनाया स्केच ही नानी के व्यक्तित्व का आइना दिख रहा है।

    ReplyDelete
  7. आप लिखने के साथ स्केचिंग भी सुन्दर तरीके से करती हैं

    ReplyDelete
  8. आपका बनाया स्केच ही नानी के व्यक्तित्व का आइना दिख रहा है।

    ReplyDelete