1/30/2009

एक ऐसा प्यार भी ..

कुछ बेहद उदासी वाला गाना क्रून करना चाहती हूँ , नशे में डूब जाना चाहती हूँ । माई ब्लूबेरी नाईट्स । अँधेरे रौशन कमरों की गीली हँसी में फुसफुसाते शब्दों को छू लेना चाहती हूँ , उस धड़कते नब्ज़ को छू कर दुलरा लेना चाहती हूँ । गले तक कुछ भर आता है उसे छेड़ना नहीं चाहती , बस रुक जाना चाहती हूँ एक बार , तुम्हारे साथ ।

चलते चलते धुँध में खो जाना चाहती हूँ एक बार । और एक बार उस मीठे कूँये का पानी चख लेना चाहती हूँ । एक बार तुमसे बात करना चाहती हूँ बिना गुस्सा हुये और एक बार प्यार , सिर्फ एक बार । फिर एक बार नफरत । सही तरीके से नफरत , न एक आउंस कम न एक इंच ज़्यादा , भरपूर , पूरी ताकत से । और उसके बाद तुम्हें भूल जाना चाहती हूँ । और चाहती हूँ कि तुम मेरे पीछे पागल हो जाओ , मेरे बिना मर जाओ ..सिर्फ एक बार !

अगली ज़िंदगी अगली बार देखी जायेगी...फिर एक बार !

( मार्क शगाल के चाँदनी रात में प्रेमी युगल )

18 comments:

  1. फ़िर एक बार... इतनी खूबसूरत ख्वाइश!

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  2. वाह!!!!!क्या व्यंजना है। प्यार इतना खुबसुरत होता है????

    बहुत ही सुंदर ख्वाहिश।

    थोडा सा समय मुझे भी दे।

    http://www.govindkprajapat.blogspot.com
    धन्यवाद

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  3. Anonymous7:53 pm

    bahut sundar

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  4. बहुत बढिया!! वैसे किसी भी कार्य को पूरी तरह करें तो आनंद तो आता ही है।

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  5. प्रत्यक्षा जी,
    सादर अभिवादन
    आपके ब्लोग पर कविताएं पढी। क्यसों न आप अपनी रचनाएं प्रकाशन के लिए भेंजे। यदि पत्रिािओं के पते चाहिए तो मेरे ब्लोग पर आएं आप निराश नहीं होंगी।
    अखिलेश शुक्ल
    संपादक कथा चक्र
    http://katha-chakra.blogspot.com

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  6. अल्लाह करे कि आपकी ख्वाहिश पूरी हो जाये ...

    अनिल कान्त
    मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

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  7. bahut sundar likha hai.

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  8. बहुत खूबसूरती से मार्क साहब को प्रस्तुत किया है आपने।

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  9. प्यार खूबसूरत ही नहीं एक ऐसा अनुभव होता है जिसे शब्दों में डाला नहीं जा सकता है। लेकिन इस कविता में कुछ तो बात है

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  10. प्रत्यक्षा जी ,
    अच्छा शब्द चित्र ..अच्छी ,गहन भावनात्मक अभिव्यक्ति.
    इस पोस्ट के साथ ही कथा क्रम के नए अंक में प्रकाशित लघु कथा
    पानी का गीत के लिए भी बधाई .
    हेमंत कुमार

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  11. और चाहती हूँ कि तुम मेरे पीछे पागल हो जाओ , मेरे बिना मर जाओ .सिर्फ एक बार !

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  12. Anonymous9:53 pm

    Its a sensitive and heart touching poem..
    Nice, keep writing.

    -*-*-*-*-*-
    Welcome to my blog..
    http//:www.hazaronkhwahishenaesi.blogspot.com
    -*-*-*-*-*-
    Harsh..

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  13. etani khubsurat khwahish maine pahahi bar padhi hai.keep it up .

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  14. etani khubsurat khwahish maine pahahi bar padhi hai.keep it up .

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  15. etani khubsurat khwahish maine pahahi bar padhi hai.keep it up .

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