7/04/2005

अचानक

अचानक
मैं बेसाख्ता यूँ ही
हँस देती हूँ
शायद
तुम भी कहीं मुझे याद कर
हँस रहे होगे

2 comments:

  1. बहुअ खूब प्रत्यक्षा जी।

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  2. मैं सोते सोते चौंक कर उठ जाता हूँ
    तुम ने ज़रूर कोई बुरा ख्वाब देखा होगा ।

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