tag:blogger.com,1999:blog-12521686.post6076285012862003649..comments2023-11-02T18:41:57.398+05:30Comments on प्रत्यक्षा: औरत हैट और तैमूरPratyakshahttp://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-92183539021167174462008-09-02T12:31:00.000+05:302008-09-02T12:31:00.000+05:30अोह। आपने शागाल की याद दिला दी। शुक्रिया। शागाल की...अोह। आपने शागाल की याद दिला दी। शुक्रिया। शागाल की पेंटिंग बर्थडे जरूर देखिए। कमाल की है। मैं उसे बार बार देखता हूं, और यह कहने में संकोच नहीं करता कि कभी कभी रोता भी हूं।ravindra vyashttps://www.blogger.com/profile/14064584813872136888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-67943768864747109882008-09-01T23:15:00.000+05:302008-09-01T23:15:00.000+05:30आपका अन्दाज़े बयाँ बिलकुल बाँध देता है जी..॥ यहाँ द...आपका अन्दाज़े बयाँ बिलकुल बाँध देता है जी..॥ यहाँ दो देवियों के दर्शन का आनन्द आ गया। ...एक कलम के आगे और एक कलम के पीछे...। सादर प्रणाम।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-89974228025345100032008-08-30T22:43:00.000+05:302008-08-30T22:43:00.000+05:30maza nahi aaya sab kuch uljah uljha i hate this.maza nahi aaya sab kuch uljah uljha i hate this.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/02645037138045527007noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-5251500198403359302008-08-30T20:19:00.000+05:302008-08-30T20:19:00.000+05:30मैं अविश्वास को पल भर पीछे कपाटों में बन्द कर देती...मैं अविश्वास को पल भर पीछे कपाटों में बन्द कर देती हूँ ......<BR/>मेरी एड़ियों का कोना किसी पके ज़ख्म की तरह टभक रहा है । <BR/><BR/>भरोसा करना चाहती हूँ । पता नहीं किस पर ? शायद खुद पर । सबसे ज़्यादा तकलीफ हम खुद को देते हैं। दूसरा कोई नहीं देता । <BR/><BR/>अजीब बात है न....फ़िर भी पंडे आप को पसंद आते है .खैर छोडिये .....तभी तो आप आप..है .एक ओर बेहतरीन भाषा शिल्प का नमूना .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-73026160721652289832008-08-30T19:46:00.000+05:302008-08-30T19:46:00.000+05:30दर्शन...पूजन....पुजारी सब हाई-टेक होते जा रहे हैं....दर्शन...पूजन....पुजारी <BR/>सब हाई-टेक होते जा रहे हैं.<BR/>बातों-बातों में बहुत कुछ <BR/>नया कह गईं आप !<BR/>====================<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.com