tag:blogger.com,1999:blog-12521686.post3717329332256022360..comments2023-11-02T18:41:57.398+05:30Comments on प्रत्यक्षा: द रेन सॉन्गPratyakshahttp://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-15609741528956121372008-09-12T07:47:00.000+05:302008-09-12T07:47:00.000+05:30अंधेरे में अंधेरे को देख रहे हैं। कोर्स बहुत कठिन ...अंधेरे में अंधेरे को देख रहे हैं। कोर्स बहुत कठिन होता जा रहा है दिन ब दिन!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-70141839319975584142008-09-11T10:14:00.000+05:302008-09-11T10:14:00.000+05:30ऑडियो वीडियो देख सुन नहीं पाया लेकिन पढ़ा अच्छे से।...ऑडियो वीडियो देख सुन नहीं पाया लेकिन पढ़ा अच्छे से। एक साथ कई अर्थ निकलने लगते हैं। मैं तो समझ भी नहीं पाया कि माँ के लिए लिखा है, बारिश के लिए या फे वॉंन्ग के लिए! :)गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-13286647221328556382008-09-10T22:31:00.000+05:302008-09-10T22:31:00.000+05:30:):)पारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-67487988078658044032008-09-10T19:33:00.000+05:302008-09-10T19:33:00.000+05:30पैरो में बिवायिया माथे पर बड़ी सी बिंदी लिए सो रही ...पैरो में बिवायिया <BR/>माथे पर बड़ी सी बिंदी लिए <BR/>सो रही है <BR/>एक उम्र में आकर <BR/>जेरोक्स कॉपी सी हो जाती है न माँ .....<BR/><BR/>दो बार इस रस्ते से गुजरा ....तसल्ली से पढ़ा फ़िर सोचा प्रत्यक्षा जी माँ पर लिख रही है...अपने पिता की लाडली बेटी ने माँ को भी एक मूरत दी है.....अपने शब्दों से ......<BR/>बेहतरीन......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-3355934566622278122008-09-10T15:59:00.000+05:302008-09-10T15:59:00.000+05:30bahut hi sundar Pratyksha ji... shado ko bahut ach...bahut hi sundar Pratyksha ji... shado ko bahut ache se piroya aapne to :-)<BR/><BR/><A HREF="http://rohittripathi.blogspot.com/2008/09/i-dont-want-to-love-you-but-i-do.html" REL="nofollow"> New Post : <BR/>I don’t want to love you… but I do.... </A>travel30https://www.blogger.com/profile/00114463185726816112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-57846307410176116982008-09-10T09:12:00.000+05:302008-09-10T09:12:00.000+05:30शब्दोँ से परे खुशबु से भरी यादोँ की बारात से चलते ...शब्दोँ से परे <BR/>खुशबु से भरी <BR/>यादोँ की बारात से <BR/>चलते शब्द चित्र होँ <BR/>और व्यक्ति धुँधलके मेँ भी <BR/>आकृति लेता <BR/>स्पष्ट आकार लेता हो <BR/>तब ..<BR/>वो "रेन" नामक <BR/>रहस्यमयी लडकी की <BR/>सर्जना करती <BR/>एकमात्र <BR/>"प्रत्यक्षा " ही होती है !<BR/> :)<BR/>प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या !!<BR/> वाह ! <BR/>ऐसे ही सजता रहे<BR/> आपका जाल घर !<BR/> बहुत स्नेह के साथ, <BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-33317552751952343982008-09-10T08:53:00.000+05:302008-09-10T08:53:00.000+05:30शानदार शब्द-चित्र। लगता है कि पढ़ नहीं रहे हैं, बल्...शानदार शब्द-चित्र। लगता है कि पढ़ नहीं रहे हैं, बल्कि कोई ऑडियो विजुअल क्लिपिंग देख रहे हैं। एक-एक दृश्य एकदम प्रत्यक्ष, बिल्कुल स्पष्ट। और ऑडियो इतना क्लिअर कि फुसफुसाहट तक साफ़-साफ़ सुनाई दे रही है।Arun Adityahttps://www.blogger.com/profile/11120845910831679889noreply@blogger.com