tag:blogger.com,1999:blog-12521686.post3395396020063723088..comments2023-11-02T18:41:57.398+05:30Comments on प्रत्यक्षा: रात के बादPratyakshahttp://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-91051262494898909502010-03-02T20:26:18.931+05:302010-03-02T20:26:18.931+05:30शब्दों के जंगल से फूटता ... सच का बीज ..
तुम्हारे ...शब्दों के जंगल से फूटता ... सच का बीज ..<br />तुम्हारे अंदर एक बच्चा है न , उस बच्चे की मैं सौ खून माफ करती हूँ<br /><br /><br />और मेरे भीतर जो बड़ा है ? उसका क्या ? <br />उससे बेईंतहा नफरतneerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-40894898161747095772010-03-01T22:00:26.511+05:302010-03-01T22:00:26.511+05:30बच्चे के सौ खून माफ़! १०१ वां?
सुन्दर!बच्चे के सौ खून माफ़! १०१ वां? <br />सुन्दर!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-29604935418312825732010-02-26T18:20:21.145+05:302010-02-26T18:20:21.145+05:30उसने पलक को पँजो के शिखर पर रख कर फूँका , आँख बन्द...उसने पलक को पँजो के शिखर पर रख कर फूँका , आँख बन्द की , और उनके बीच जितने भी शब्द थे उन्हें फूँक दिया ।<br /><br /><br />and i was reading......"The first duty of love is to listen."<br /><br />गाढ़े अँधेरे में उनकी गाढ़ी हँसी का नृत्य डोलता है<br /><br />the mind can also be an erogenous zone....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-12297305410534052932010-02-25T20:08:03.691+05:302010-02-25T20:08:03.691+05:30लगता है अपनी आत्मा को निचोड़ कर बाहर फैला दूँ सूखने...लगता है अपनी आत्मा को निचोड़ कर बाहर फैला दूँ सूखने को , मेरी आवाज़ वहाँ से टँगी झर जायेगी । और मैं यहाँ , इस कमरे में तुम्हारे साथ बिना आवाज़ के बिना आत्मा के ऐसे ही चुप बेआवाज़ बेआत्मा दफन हो जाऊँगी ।<br /><br /><br /><br />फिलहाल ये लिए जा रहा हूँ ..वापस दूसरी हाजिरी से पहले .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-86282694726480601922010-02-25T16:52:07.099+05:302010-02-25T16:52:07.099+05:30तुम्हारे अंदर एक बच्चा है न , उस बच्चे की मैं सौ ख...तुम्हारे अंदर एक बच्चा है न , उस बच्चे की मैं सौ खून माफ करती हूँ..pareshani yahin se shuru hoti hai...chakr phir chalne lagta hai ...<br /><br />khuub din baad aapko apke mood me padhaa :)पारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-90781445371749059552010-02-25T15:34:17.921+05:302010-02-25T15:34:17.921+05:30"अब लगता है अपनी आत्मा को निचोड़ कर बाहर फैला ..."अब लगता है अपनी आत्मा को निचोड़ कर बाहर फैला दूँ सूखने को , मेरी आवाज़ वहाँ से टँगी झर जायेगी । और मैं यहाँ , इस कमरे में तुम्हारे साथ बिना आवाज़ के बिना आत्मा के ऐसे ही चुप बेआवाज़ बेआत्मा दफन हो जाऊँगी ।"<br />अंतर्मन को झकझोरती - शानदार प्रस्तुतिAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12521686.post-91641072250306147622010-02-25T15:09:42.620+05:302010-02-25T15:09:42.620+05:30तस्वीर खिंच गयी मेरे सामने. कभी मैं अमिय बन उसमें...तस्वीर खिंच गयी मेरे सामने. कभी मैं अमिय बन उसमें प्रवेश कर जाता हूँ तो कभी खुद को निर्मल महसूस करने लगा.अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.com